सरकार ने कर्मचारियों के 18 महीने के DA एरियर पर लिया बड़ा फैसला 18 Months DA Arrear

By Prerna Gupta

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18 Months DA Arrear

18 Months DA Arrear – केंद्र सरकार ने डीए (Dearness Allowance) एरियर को लेकर एक बड़ा और चर्चा में रहने वाला फैसला लिया है, जिससे लाखों केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनभोगी सीधे तौर पर प्रभावित होंगे। कोरोना महामारी के चलते 1 जनवरी 2020 से 30 जून 2021 तक डीए और डीआर (Dearness Relief) की बढ़ोतरी पर रोक लगाई गई थी। इस वजह से करीब 18 महीने का डीए एरियर बकाया रह गया था। कर्मचारी इस बकाया के भुगतान की लंबे समय से उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन सरकार ने साफ कर दिया है कि यह बकाया अब जारी नहीं किया जाएगा।

संसद में उठी 18 महीने के डीए एरियर की आवाज

यह मुद्दा संसद में भी उठाया गया था। 3 फरवरी 2025 को लोकसभा में सांसद आनंद ने इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया और सरकार से पूछा कि कोरोना काल में रोके गए 18 महीने के डीए और डीआर के बकाया का भुगतान कब किया जाएगा। यह सवाल केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए काफी अहम था, क्योंकि लंबे समय से वे इस राशि का इंतजार कर रहे थे। सांसद के सवाल ने सरकार को जवाब देना मजबूर कर दिया, जिससे यह मुद्दा फिर से चर्चा में आ गया।

कोरोना महामारी के दौरान डीए एरियर रोकने की वजह

कोरोना महामारी ने देश की आर्थिक स्थिति पर गहरा असर डाला था। सरकार ने आर्थिक स्थिरता बनाए रखने और महामारी के दौरान जरूरी खर्चों को पूरा करने के लिए कई कड़े फैसले लिए। इन्हीं में से एक बड़ा फैसला था डीए और डीआर की बढ़ोतरी पर रोक लगाना। जनवरी 2020 से जून 2021 तक कुल 18 महीने की अवधि के डीए एरियर का भुगतान स्थगित कर दिया गया। इसके कारण लगभग 34,402 करोड़ रुपये के डीए और डीआर का भुगतान रुका हुआ है। सरकार ने यह निर्णय इसलिए लिया था ताकि वित्तीय दबाव को कम किया जा सके और महामारी के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं, आर्थिक राहत योजनाओं जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अधिक संसाधन लगाए जा सकें।

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सरकार का स्पष्ट जवाब और कर्मचारियों की निराशा

संसद में इस सवाल का जवाब देते हुए वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते वित्तीय दबाव को ध्यान में रखते हुए यह 18 महीने का डीए एरियर जारी नहीं किया जाएगा। इस जवाब से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों में भारी निराशा फैली, क्योंकि कई लोग इस राशि पर अपने परिवार के आर्थिक भविष्य को जोड़ कर चल रहे थे। खासकर वे कर्मचारी, जो अपनी सेवा सेवानिवृत्त हो चुके हैं, वे इस बकाया राशि के भुगतान को लेकर ज्यादा उम्मीद लगाए बैठे थे।

कर्मचारी संगठनों की मांग और प्रतिक्रिया

सरकार के इस फैसले के बाद केंद्रीय कर्मचारी संगठनों ने भी आवाज उठाई है। राष्ट्रीय संयुक्त परिषद (एनसीजेसीएम) सहित कई कर्मचारी संघों ने सरकार से बकाया राशि को किस्तों में जारी करने की मांग की है ताकि सरकार पर एकमुश्त वित्तीय दबाव न पड़े और कर्मचारियों को भी उनकी हक की रकम मिल सके। कर्मचारी संगठनों ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का भी हवाला दिया है, जिसमें कहा गया था कि बकाया राशि का भुगतान ब्याज सहित किया जाना चाहिए। हालांकि, अभी तक सरकार ने इस तर्क को स्वीकार नहीं किया है और अपने फैसले पर कायम है।

बजट 2025 में नहीं मिली कोई राहत

केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को उम्मीद थी कि बजट 2025 में इस मसले पर कोई सकारात्मक घोषणा होगी। लेकिन बजट में सरकार ने वेतन और भत्तों को लेकर कुछ घोषणाएं कीं, पर 18 महीने के डीए एरियर के भुगतान पर कोई ठोस फैसला नहीं आया। इससे कर्मचारियों की निराशा बढ़ गई क्योंकि यह बकाया राशि उनके लिए काफी महत्वपूर्ण है। कई कर्मचारियों के लिए यह रकम लाखों रुपये में हो सकती है, जो उनकी आर्थिक योजनाओं में अहम भूमिका निभाती है।

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आठवें वेतन आयोग पर लगी नजरें

अब सभी की निगाहें जनवरी 2026 में लागू होने वाले आठवें वेतन आयोग की सिफारिशों पर टिकी हैं। कर्मचारी संगठन इस उम्मीद में हैं कि वेतन आयोग के सुझावों से वेतन और भत्तों में वृद्धि होगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हो सकेगी। वेतन आयोग की सिफारिशें वेतन संरचना में सुधार और भत्तों में बढ़ोतरी के लिए प्रमुख आधार होती हैं। कर्मचारी संगठन भी इस दिशा में पूरी ताकत से काम कर रहे हैं ताकि वेतन आयोग के निर्णय कर्मचारियों के हित में आएं।

क्या अभी भी है उम्मीद?

सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि कोरोना काल का 18 महीने का डीए एरियर अब भुगतान नहीं होगा। हालांकि कुछ विशेषज्ञ और कर्मचारी संगठन मानते हैं कि अगर वे अपनी मांगों पर अड़े रहें और कानूनी रास्ता अपनाएं तो भविष्य में इस फैसले में बदलाव हो सकता है। कुछ संगठन अदालत में इस मुद्दे को ले जाने की भी योजना बना रहे हैं, जिससे कर्मचारियों को उनका बकाया भुगतान मिल सके।

सरकार का दृष्टिकोण और भविष्य की रणनीति

सरकार का कहना है कि कोरोना महामारी के दौरान वित्तीय संकट को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लेना जरूरी था। अब सरकार की प्राथमिकता देश की आर्थिक स्थिरता और विकास पर केंद्रित है। इसके साथ ही सरकार कर्मचारियों के कल्याण के लिए नई योजनाएं और सुधार लेकर आ रही है, जिसमें वेतन संरचना में बदलाव और नए भत्तों की शुरुआत शामिल है। सरकार का उद्देश्य कर्मचारियों को बेहतर सुविधाएं देना है, लेकिन वित्तीय मजबूरियों के चलते डीए एरियर भुगतान को फिलहाल स्थगित रखना पड़ा है।

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डीए एरियर का यह मुद्दा लंबे समय से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए चिंता का विषय रहा है। कोरोना महामारी ने देश की आर्थिक हालत को काफी प्रभावित किया, जिसके चलते सरकार ने डीए एरियर भुगतान को रोक रखा है। हालांकि यह फैसला कर्मचारियों के लिए निराशाजनक है, पर सरकार अब भविष्य में आर्थिक सुधार और वेतन आयोग की सिफारिशों पर काम कर रही है, जिससे कर्मचारियों को आने वाले समय में कुछ राहत मिल सके।

Disclaimer

यह लेख 15 मई 2025 तक उपलब्ध जानकारी पर आधारित है और केवल सूचना के उद्देश्य से लिखा गया है। डीए एरियर से संबंधित अंतिम निर्णय सरकारी घोषणाओं और आधिकारिक दस्तावेजों के अनुसार ही मान्य होंगे। किसी भी वित्तीय या कानूनी निर्णय से पहले विशेषज्ञ से सलाह लेना आवश्यक है।

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