EMI कम चाहिए या ब्याज में बचत? जानिए होम लोन का सही फॉर्मूला – Home Loan

By Prerna Gupta

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Home Loan : घर खरीदना हर किसी का सपना होता है, लेकिन बढ़ती प्रॉपर्टी कीमतों के चलते ज्यादातर लोग बैंक या फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन्स से होम लोन लेने को मजबूर होते हैं। हालांकि होम लोन लेना कोई मुश्किल काम नहीं है, लेकिन इसमें की गई कुछ आम गलतियां आपके सपने को भारी बोझ में बदल सकती हैं।

सबसे पहले अपनी जेब टटोलिए

होम लोन लेने से पहले यह देखना जरूरी है कि आप कितनी EMI आराम से चुका सकते हैं। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि आपकी EMI आपकी महीने की आमदनी का 50-60% से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। इससे ज्यादा की EMI लेने पर आपकी रोजमर्रा की जिंदगी पर असर पड़ सकता है। EMI कैलकुलेटर का इस्तेमाल कर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि आपके लिए कितनी EMI सही रहेगी।

डाउन पेमेंट में कंजूसी न करें

लोग सोचते हैं कि जितना हो सके उतना लोन ले लिया जाए, लेकिन ये तरीका लंबे समय में भारी पड़ सकता है। RBI के मुताबिक, बैंक प्रॉपर्टी की कुल कीमत का 75-90% तक ही लोन देते हैं। बाकी आपको खुद डाउन पेमेंट के तौर पर देना होता है। अगर आप ज्यादा डाउन पेमेंट करते हैं, तो आपको कम ब्याज दर पर लोन मिलने की संभावना बढ़ जाती है।

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क्रेडिट स्कोर को हल्के में न लें

बैंक आपका होम लोन अप्रूव करने से पहले सबसे पहले आपका क्रेडिट स्कोर देखते हैं। अगर आपका स्कोर 750 या उससे ज्यादा है, तो लोन आसानी से मिल सकता है और ब्याज दर भी कम हो सकती है। अगर स्कोर कम है, तो पहले उसे सुधारना जरूरी है।

बैंक चुनते समय जल्दीबाजी न करें

हर बैंक के होम लोन की ब्याज दर, प्रोसेसिंग फीस और शर्तें अलग होती हैं। इसलिए सिर्फ एक बैंक में जाकर लोन लेने की बजाय कई बैंकों के ऑफर की तुलना करें। इसके लिए ऑनलाइन लोन कम्पेयर टूल्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।

ब्याज दर का टाइप समझें

फिक्स्ड रेट, फ्लोटिंग रेट और हाइब्रिड रेट – ये तीन टाइप की ब्याज दरें होती हैं। अगर आपको लगता है कि ब्याज दरें बढ़ेंगी तो फिक्स्ड रेट चुनें, और अगर घटने की उम्मीद है तो फ्लोटिंग बेहतर हो सकता है। सही विकल्प चुनना जरूरी है क्योंकि इससे आपकी EMI पर असर पड़ता है।

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इमरजेंसी फंड बनाना न भूलें

अगर किसी वजह से आपकी इनकम रुक जाए तो EMI भरना मुश्किल हो सकता है। इसलिए एक्सपर्ट्स कहते हैं कि कम से कम 6 महीने की EMI के बराबर इमरजेंसी फंड होना चाहिए।

सिर्फ EMI पर मत अटकिए, लोन की अवधि भी देखें

लंबी अवधि का लोन लेने से EMI कम जरूर हो जाती है, लेकिन कुल ब्याज ज्यादा देना पड़ता है। अगर मुमकिन हो तो कम समय के लिए लोन लें और भविष्य में प्री-पेमेंट करके ब्याज बचाएं।

छिपे हुए चार्जेस का ध्यान रखें

होम लोन लेते वक्त सिर्फ ब्याज दर नहीं, प्रोसेसिंग फीस, वैल्यूएशन चार्ज और फोरक्लोजर फीस जैसे चार्ज भी चेक करें। ये आपके लोन को महंगा बना सकते हैं।

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लोन के साथ बीमा लेना समझदारी है

होम लोन प्रोटेक्शन प्लान और प्रॉपर्टी इंश्योरेंस आपकी फैमिली को मुसीबत में पड़ने से बचा सकते हैं। यह थोड़ा महंगा जरूर होता है लेकिन बहुत जरूरी है।

टैक्स बेनिफिट का उठाएं फायदा

होम लोन पर ब्याज और मूलधन पर टैक्स छूट मिलती है। इससे सालाना लाखों की बचत हो सकती है। धारा 24(b), 80C और पहली बार घर खरीदने वालों के लिए 80EE का फायदा जरूर उठाएं।

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