UP School Reopen News : उत्तर भारत में इस समय गर्मी अपने चरम पर है। तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है और इसका असर सीधे स्कूलों पर भी देखने को मिल रहा है।
उत्तर प्रदेश में जहां एक ओर छात्रों को गर्मी से राहत देने के लिए स्कूलों में छुट्टियों की घोषणा की गई है, वहीं दूसरी ओर कई स्कूलों को फिर से खोलकर समर कैंप आयोजित करने का आदेश भी दिया गया है। इस फैसले को लेकर शिक्षकों और शिक्षामित्रों में काफी नाराजगी देखने को मिल रही है।
गर्मी की छुट्टियों की घोषणा के साथ समर कैंप का फरमान
उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में अलग-अलग तारीखों को स्कूलों में छुट्टियों की घोषणा की गई है।
- प्राथमिक विद्यालय (कक्षा 1 से 5) में 19 मई के बाद से गर्मी की छुट्टियां घोषित कर दी गई हैं।
- उच्च प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालयों में 21 मई से 10 जून तक समर कैंप चलाने के निर्देश दिए गए हैं।
- माध्यमिक विद्यालयों में 21 मई के बाद से 30 जून तक गर्मी की छुट्टी रहेगी।
हालांकि, अशासकीय सहायता प्राप्त और एडेड स्कूलों को शुरुआत में समर कैंप से छूट दी गई थी, लेकिन अब वहां भी कैंप के आयोजन को लेकर बैठकें शुरू हो चुकी हैं। इस स्थिति ने शिक्षकों में भ्रम और असंतोष पैदा कर दिया है।
कौन से स्कूलों को छुट्टी और कौन से रहेंगे खुले?
उत्तर प्रदेश में इस समय तीन तरह के स्कूल संचालित हैं:
- प्राथमिक विद्यालय (कक्षा 1 से 5)
- उच्च प्राथमिक विद्यालय (कक्षा 6 से 8)
- कंपोजिट विद्यालय (कक्षा 1 से 8)
प्राथमिक विद्यालयों को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है और वहां पढ़ाने वाले शिक्षकों की छुट्टियां भी घोषित कर दी गई हैं। लेकिन उच्च प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालयों को समर कैंप के लिए फिर से खोला जा रहा है।
शिक्षामित्रों पर समर कैंप की जिम्मेदारी, शिक्षक नाराज़
समर कैंप का आयोजन शिक्षामित्रों और अनुदेशकों के माध्यम से किया जा रहा है। इससे शिक्षक वर्ग नाराज़ हैं क्योंकि उन्हें इससे बाहर रखा गया है। वहीं शिक्षामित्र भी नाराज़ हैं कि इतनी तेज गर्मी में समर कैंप का आयोजन कैसे संभव है। उनका कहना है कि केवल शिक्षामित्रों को बुलाना अन्याय है और सवाल कर रहे हैं कि क्या उन्हें गर्मी नहीं लगती?
शिक्षकों की यह भी मांग है कि समर कैंप को स्थगित कर दिया जाए क्योंकि वर्तमान मौसम में छात्रों और शिक्षकों दोनों के स्वास्थ्य पर इसका बुरा असर पड़ सकता है।
क्या कह रहे हैं शिक्षक और शिक्षामित्र?
- “इतनी तेज धूप और गर्म हवाओं में बच्चों को स्कूल बुलाना सही नहीं है।”
- “समर कैंप सिर्फ दिखावा बनकर रह गया है। असली मकसद तो बच्चों की सुरक्षा होनी चाहिए।”
- “अगर गर्मी में छुट्टियां दी गई हैं, तो समर कैंप का आयोजन विरोधाभासी क्यों?”
उत्तर प्रदेश में स्कूलों को लेकर गर्मी की छुट्टियां और समर कैंप दोनों ही फैसले परस्पर विरोधाभासी नजर आ रहे हैं। एक तरफ छात्रों की सुरक्षा के लिए अवकाश की घोषणा की जा रही है, वहीं दूसरी ओर उन्हें कैंप के नाम पर बुलाया जा रहा है।
शिक्षकों और शिक्षामित्रों की नाराजगी और असमंजस यह दिखाता है कि फैसले में स्पष्टता की कमी है। सरकार को चाहिए कि वह हालात को देखते हुए एक समान और व्यावहारिक निर्णय ले ताकि बच्चों की पढ़ाई और सेहत दोनों सुरक्षित रह सकें।