EPFO : प्राइवेट सेक्टर में नौकरी बदलने वालों के लिए एक बड़ी राहत की खबर आई है। EPFO (Employees’ Provident Fund Organisation) ने PF ट्रांसफर से जुड़े नियमों में अहम बदलाव किया है। अब अगर कर्मचारी के पुराने और नए जॉब के सर्विस पीरियड में थोड़ा बहुत ओवरलैप है, तो उसका PF ट्रांसफर क्लेम रिजेक्ट नहीं किया जाएगा।
पहले क्या था नियम?
पहले अगर दो नौकरियों की डेट्स आपस में कुछ दिन ओवरलैप कर जाती थीं — यानी एक ही तारीख को दो सेवाओं की एंट्री होती — तो EPFO ऑटोमेटिक तरीके से ट्रांसफर क्लेम को रिजेक्ट कर देता था। इससे कर्मचारियों को बार-बार क्लेम री-फाइल करना पड़ता और फंड ट्रांसफर में महीनों की देरी हो जाती।
अब क्या है नया नियम?
EPFO के ताजा सर्कुलर के अनुसार:
- अब ओवरलैपिंग डेट्स के आधार पर ट्रांसफर क्लेम रिजेक्ट नहीं किया जाएगा।
- क्षेत्रीय कार्यालयों को निर्देश दिया गया है कि वे ऐसी स्थिति में क्लेम को रिजेक्ट करने के बजाय प्रोसेस करें।
- केवल ज़रूरत पड़ने पर ही स्पष्टीकरण मांगा जाएगा, वरना क्लेम आगे बढ़ाया जाएगा।
क्यों जरूरी था यह बदलाव?
नौकरी बदलते वक्त PF ट्रांसफर इसलिए अहम होता है ताकि कर्मचारी की रिटायरमेंट सेविंग एक जगह बनी रहे। बार-बार रिजेक्शन से न केवल वित्तीय अस्थिरता आती है, बल्कि कर्मचारी की योजनाएं भी प्रभावित होती हैं — जैसे लोन लेना, PF से एडवांस निकालना आदि।
नई गाइडलाइंस के फायदे:
- ट्रांसफर क्लेम जल्दी प्रोसेस होगा
- कर्मचारी को कम डॉक्युमेंटेशन और कम तनाव
- सिस्टम अधिक पारदर्शी और भरोसेमंद
- EPFO की सेवा गुणवत्ता में सुधार
PF ट्रांसफर में ध्यान रखने योग्य बातें:
- नौकरी बदलते ही समय पर ट्रांसफर क्लेम डालें,
- अपने पुराने और नए एंप्लॉयर से सही सर्विस डेट्स कन्फर्म करें,
- आधार और बैंक डिटेल्स अपडेट रखें,
- EPFO पोर्टल पर क्लेम स्टेटस समय-समय पर चेक करें,
- किसी समस्या पर EPFO की हेल्पलाइन से संपर्क करें।