6 बड़े लेन-देन जिन पर Income Tax विभाग की नजर रहती है, जानें कैसे बचें!

By Prerna Gupta

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Income tax

Income Tax : आजकल के डिजिटल युग में पैसों के लेन-देन की निगरानी पहले से कहीं ज्यादा आसान हो गई है। इनकम टैक्स विभाग अब हर उस ट्रांजैक्शन पर नजर रखता है, जो एक निश्चित सीमा से अधिक होती है।

यदि आप भी बड़ी रकम के लेन-देन करते हैं, तो सावधान रहिए। आज हम आपको बताएंगे उन 6 प्रमुख ट्रांजैक्शन के बारे में, जिन पर इनकम टैक्स विभाग की पैनी नजर रहती है। इन्हें अनदेखा करने पर आपको नोटिस मिल सकता है।

विदेश यात्रा पर अधिक खर्च से हो सकती है पूछताछ

यदि आप एक वित्तीय वर्ष में विदेश यात्रा पर ₹2 लाख या उससे अधिक खर्च करते हैं, तो यह जानकारी सीधे इनकम टैक्स विभाग के पास पहुंच जाती है। विभाग आपसे इस खर्च के स्रोत के बारे में पूछताछ कर सकता है। यदि आपकी घोषित आय इस खर्च को सही नहीं ठहराती, तो विभाग नोटिस भेज सकता है।

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एफडी में ₹10 लाख से अधिक की जमा राशि पर नजर

यदि आप फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) में ₹10 लाख या उससे अधिक की राशि जमा करते हैं, तो यह भी टैक्स विभाग के रडार पर आ जाता है। बैंक इस तरह के बड़े लेन-देन की जानकारी नियमित रूप से इनकम टैक्स विभाग को भेजते हैं। यदि आपने अपनी आयकर रिटर्न में इस धनराशि के स्रोत का उल्लेख नहीं किया है, तो विभाग आपसे इसका स्पष्टीकरण मांग सकता है।

क्रेडिट कार्ड बिल की नकद अदायगी से बचें

यदि आप अपने क्रेडिट कार्ड का बिल ₹1 लाख या उससे अधिक नकद में चुकाते हैं, तो यह ट्रांजैक्शन टैक्स विभाग की नजरों में आ जाता है। आजकल बैंक और क्रेडिट कार्ड कंपनियां इस तरह के लेन-देन की जानकारी इनकम टैक्स विभाग से साझा करती हैं। यदि आप नियमित रूप से बड़ी राशि का क्रेडिट कार्ड बिल नकद में चुकाते हैं, तो विभाग आपसे इस नकदी के स्रोत के बारे में पूछ सकता है।

बचत खाते में बड़ी रकम जमा करने पर होगी जांच

यदि आप अपने बचत खाते में एक वित्तीय वर्ष में एक बार में ₹10 लाख या उससे अधिक की राशि जमा करते हैं, तो यह भी इनकम टैक्स विभाग की नजर में आ जाता है। बैंक इस तरह के बड़े जमा की सूचना विभाग को देते हैं। यदि यह राशि आपकी घोषित आय से अधिक है या इसका स्रोत स्पष्ट नहीं है, तो विभाग आपको नोटिस भेज सकता है।

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प्रॉपर्टी खरीद पर विशेष ध्यान दें

यदि आप ₹30 लाख या उससे अधिक की संपत्ति खरीदते हैं, तो यह लेन-देन भी इनकम टैक्स विभाग की नजरों में आता है। कुछ राज्यों में यह सीमा ₹20 लाख या ₹50 लाख रुपये भी हो सकती है। प्रॉपर्टी रजिस्ट्री के समय आपको पैन कार्ड देना अनिवार्य होता है, जिससे यह जानकारी सीधे विभाग तक पहुंच जाती है। संपत्ति खरीदते समय यह सुनिश्चित करें कि आपकी घोषित आय इस खरीद को सही ठहरा सके। अन्यथा, आपको विभाग से स्पष्टीकरण के लिए नोटिस मिल सकता है।

शेयर और म्यूचुअल फंड में निवेश पर नजर

यदि आप शेयर बाजार या म्यूचुअल फंड में ₹10 लाख या उससे अधिक का निवेश करते हैं, तो यह भी टैक्स विभाग की जानकारी में आ जाता है। निवेश कंपनियां और ब्रोकरेज फर्म बड़े निवेशों की जानकारी विभाग को देती हैं। यदि आपका निवेश आपकी घोषित आय से मेल नहीं खाता, तो विभाग आपसे पूछताछ कर सकता है। निवेश करते समय यह सुनिश्चित करें कि आपके पास इस निवेश के स्रोत का स्पष्टीकरण हो।

आज के समय में हर बड़ा ट्रांजैक्शन डिजिटल तरीके से रिकॉर्ड होता है। इनकम टैक्स विभाग तकनीकी सुविधाओं का उपयोग करके इन लेन-देनों पर नजर रखता है। टैक्स चोरी रोकने के लिए यह आवश्यक भी है।

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इसलिए हमेशा अपनी आय का सही विवरण देना और सभी बड़े लेन-देनों का हिसाब रखना जरूरी है। यदि आप ईमानदारी से अपना टैक्स चुकाते हैं और अपनी आय का पूरा ब्योरा देते हैं, तो आपको किसी भी तरह के नोटिस से डरने की जरूरत नहीं है।

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