Income Tax Department : अगर आप भी हर साल इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरते हैं और सोचते हैं कि कोई पकड़ नहीं पाएगा कि आपने क्या दिखाया, तो अब सतर्क हो जाइए। इनकम टैक्स विभाग अब एक-एक ट्रांजैक्शन पर पैनी नजर बनाए हुए है। जो लोग फर्जी तरीके से टैक्स रिफंड लेने की कोशिश कर रहे हैं, उनके खिलाफ अब तगड़ी कार्रवाई शुरू हो गई है।
इनकम टैक्स विभाग रखता है हर ट्रांजैक्शन पर नजर
आप भले ही अपनी कमाई और खर्च का हिसाब किताब न रखते हों, लेकिन इनकम टैक्स विभाग को सब पता होता है – आपने कितना कमाया, कितना खर्च किया और कितना टैक्स भरा या बचाया। यही वजह है कि जो लोग अपनी इनकम छिपाते हैं या गलत जानकारी देते हैं, उन्हें नोटिस मिलने में अब ज़रा भी देर नहीं लगती।
गलत रिफंड मांगने वालों पर IT विभाग का शिकंजा
हाल ही में देशभर में इनकम टैक्स विभाग ने ऐसे कई टैक्सपेयर्स को नोटिस भेजे हैं जिन्होंने गलत तरीके से टैक्स रिफंड लेने की कोशिश की। कुछ ने फर्जी मेडिकल खर्च दिखाए, कुछ ने विकलांगता का दावा कर डाला और कुछ ने इनवेस्टमेंट या बिज़नेस लॉस का झूठा हवाला दिया। लेकिन अब विभाग के सिस्टम इतने स्मार्ट हो चुके हैं कि सारी गड़बड़ियां पकड़ में आ रही हैं।
सिर्फ टैक्सपेयर्स ही नहीं, इनके साथी भी निशाने पर
इस बार सिर्फ गलत रिफंड मांगने वाले टैक्सपेयर्स ही नहीं, बल्कि वो चार्टर्ड अकाउंटेंट्स भी निशाने पर हैं जो झूठी सलाह देकर लोगों को गलत दावे करने में मदद करते हैं। इसके अलावा कुछ फर्जी एजेंसियां भी हैं जो लोगों को मोटे रिफंड का लालच देकर धोखा देती हैं। अब इन सभी पर एक साथ कार्रवाई हो रही है।
गलती पकड़ी गई तो होगी कड़ी कार्रवाई
जिन लोगों ने गलत जानकारी देकर रिफंड लिया है, या लेने की कोशिश की है, उनके खिलाफ आयकर विभाग सख्त एक्शन लेने जा रहा है। ये कार्रवाई सिर्फ छोटे शहरों तक सीमित नहीं है – मुंबई, गुरुग्राम, गाजियाबाद, बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में भी ये धड़ल्ले से चल रही है।
बचना है तो ईमानदारी ही सबसे बड़ी चाबी
अगर आप चाहते हैं कि आपको नोटिस का सामना न करना पड़े, तो सबसे अच्छा तरीका है – ईमानदारी से रिटर्न भरना। अपनी सैलरी, इनवेस्टमेंट, खर्च और किसी भी प्रकार की इनकम की सही-सही जानकारी ITR में दें। अगर गलती से कोई जानकारी गलत चली भी गई है, तो समय रहते उसे सुधार लें। अगर टैक्स कैलकुलेट करने में दिक्कत आ रही है, तो किसी अच्छे CA की मदद लें।
कानून भी सजा देता है फर्जीवाड़े पर
ध्यान रहे, टैक्स चोरी या फर्जी रिफंड का दावा करना सिर्फ गलती नहीं, कानूनी अपराध है। इसके लिए जुर्माना तो है ही, कुछ मामलों में जेल तक हो सकती है। इसलिए बेहतर यही है कि नियमों का पालन करें और देश के ईमानदार टैक्सपेयर्स में अपना नाम शामिल करें।