लोगो का पैसा डूबा, RBI ने इस बैंक का लाइसेंस किया रद्द – License Cancelled

By Prerna Gupta

Published On:

License cancelled

License Cancelled : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में लखनऊ स्थित एचसीबीएल सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। इस फैसले के बाद, बैंक ने 19 मई 2025 की शाम से अपना सभी बैंकिंग कार्य बंद कर दिया है।

आरबीआई के अनुसार, बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और आय की संभावनाएं नहीं थीं, साथ ही यह बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के कुछ महत्वपूर्ण प्रावधानों का पालन नहीं कर रहा था।

लाइसेंस रद्द होने के कारण

आरबीआई ने स्पष्ट किया कि एचसीबीएल सहकारी बैंक के पास पर्याप्त पूंजी नहीं थी और भविष्य में कमाई की संभावनाएं भी नहीं दिख रही थीं। इसके अलावा, बैंक ने बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 के कुछ महत्वपूर्ण नियमों का पालन नहीं किया था। इसलिए, बैंक का लाइसेंस रद्द किया गया है।

यह भी पढ़े:
8th pay commission सरकारी कर्मचारियों को झटका! 186% की जगह अब सिर्फ 30% बढ़ेगा वेतन – 8th Pay Commission

ग्राहकों के लिए सुरक्षा उपाय

लाइसेंस रद्द होने के बाद, बैंक की सभी बैंकिंग गतिविधियां तत्काल प्रभाव से रोक दी गई हैं। इसका मतलब है कि अब ग्राहक न तो अपने खाते में नए पैसे जमा कर पाएंगे और न ही अपने खाते से पैसे निकाल सकेंगे। हालांकि, जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा के लिए कुछ सुरक्षा उपाय किए गए हैं।

डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) के तहत, प्रत्येक जमाकर्ता अपनी जमा राशि पर 5 लाख रुपये तक का बीमा दावा कर सकता है। बैंक के आंकड़ों के अनुसार, लगभग 99.53 प्रतिशत जमाकर्ता DICGC से अपनी पूरी जमा राशि प्राप्त करने के हकदार हैं।

लिक्विडेशन प्रक्रिया और दावे की प्रक्रिया

आरबीआई ने उत्तर प्रदेश के सहकारी आयुक्त और रजिस्ट्रार से बैंक को बंद करने और एक लिक्विडेटर नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया है। लिक्विडेटर की नियुक्ति के बाद, बैंक की सभी संपत्तियों का मूल्यांकन किया जाएगा और उन्हें बेचकर जमाकर्ताओं और अन्य लेनदारों के दावों का निपटारा किया जाएगा। ग्राहकों को सलाह दी जाती है कि वे DICGC की प्रक्रिया का पालन करें और जल्द से जल्द अपने दावे दर्ज करें।

यह भी पढ़े:
Cibil score Cibil Score सिर्फ 600 होने पर भी कैसे मिलेगा पर्सनल लोन!

यह घटना यह दर्शाती है कि बैंक का चुनाव करते समय उसकी वित्तीय स्थिति और विश्वसनीयता पर विशेष ध्यान देना चाहिए। साथ ही, अपनी जमा राशि को एक ही बैंक में न रखकर कई अलग-अलग बैंकों में विभाजित करना भी एक समझदारी भरा कदम हो सकता है।

Leave a Comment