OPS Rules Change – अगर आप सरकारी कर्मचारी हैं या बनना चाहते हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। केंद्र सरकार ने हाल ही में पुराने पेंशन योजना यानी Old Pension Scheme (OPS) से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव किया है। इस बदलाव से लाखों सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद की जिंदगी में अब बेहतर आर्थिक सुरक्षा मिलने वाली है।
पुरानी पेंशन योजना की वापसी – क्या है नया अपडेट?
पुरानी पेंशन योजना को 2004 में बंद कर दिया गया था और उसकी जगह NPS (New Pension Scheme) लाई गई थी। लेकिन लंबे समय से कर्मचारी संगठनों की मांग रही है कि OPS को फिर से लागू किया जाए। अब सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए पुराने नियमों को फिर से लागू करने की घोषणा की है।
इस योजना के तहत अब सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद उनके अंतिम वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा। और खास बात ये है कि इसके लिए कर्मचारियों को कोई योगदान नहीं करना होगा।
पेंशन कैसे तय होगी?
सरकार के नए नियम के अनुसार, पेंशन पूरी तरह से कर्मचारी के आखिरी लिए गए बेसिक वेतन पर तय होगी। मतलब अगर आपकी आखिरी सैलरी ₹60,000 है तो आपको रिटायरमेंट के बाद ₹30,000 हर महीने पेंशन मिलेगी। इसके अलावा पेंशनधारकों को महंगाई भत्ता (DA) भी मिलेगा, जिससे हर कुछ समय में पेंशन की राशि बढ़ती रहेगी।
सेवा अवधि का असर
इस योजना में यह भी साफ किया गया है कि जिस कर्मचारी ने जितने ज्यादा साल काम किया होगा, उसकी पेंशन उतनी बेहतर होगी। उदाहरण के लिए, 20 साल सेवा पर 50% पेंशन, और अगर आपने 30 साल सेवा दी है, तो आपकी पेंशन 60% तक भी पहुंच सकती है।
OPS vs NPS – क्या है बड़ा अंतर?
पॉइंट्स | पुरानी पेंशन योजना (OPS) | नई पेंशन योजना (NPS) |
---|---|---|
पेंशन राशि | अंतिम वेतन का 50% | योगदान और निवेश पर आधारित |
कर्मचारी का योगदान | नहीं होता | अनिवार्य होता है |
सुरक्षा और गारंटी | पेंशन तय और गारंटीशुदा | निवेश के रिटर्न पर निर्भर |
महंगाई भत्ता | मिलता है | नहीं मिलता या सीमित मिलता है |
जिन कर्मचारियों ने NPS अपनाया था उनका क्या?
सरकार ने NPS वाले कर्मचारियों के लिए भी राहत का रास्ता निकाला है। अब ऐसे कर्मचारी भी अगर चाहें तो OPS में वापस आ सकते हैं। इसके लिए उन्हें कुछ प्रक्रियाएं पूरी करनी होंगी और उनका पुराना योगदान स्थगित हो सकता है। लेकिन अच्छी बात ये है कि उन्हें अब तयशुदा पेंशन का फायदा मिलेगा।
क्या सरकार पर आएगा आर्थिक बोझ?
जी हां, इस बदलाव से सरकारी खजाने पर दबाव बढ़ सकता है क्योंकि OPS के तहत पूरी पेंशन राशि सरकार को ही देनी होती है। लेकिन इसके बदले में कर्मचारियों को भविष्य की चिंता नहीं रहेगी और रिटायरमेंट के बाद का जीवन ज्यादा सुरक्षित होगा।
रिटायरमेंट के बाद अब फिकर नहीं
सरकार के इस फैसले से कर्मचारियों को बहुत राहत मिलेगी। अब उन्हें शेयर बाजार या म्यूचुअल फंड्स के रिटर्न पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। हर महीने तयशुदा पेंशन से उनकी आर्थिक ज़रूरतें पूरी होती रहेंगी।
Diclaimer
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स और सरकारी घोषणाओं पर आधारित है। किसी भी आधिकारिक निर्णय से पहले कृपया सरकार की वेबसाइट या संबंधित विभाग से जानकारी जरूर लें। लेख में दी गई किसी भी जानकारी के आधार पर की गई कार्रवाई के लिए लेखक या प्रकाशक जिम्मेदार नहीं होंगे।