आपकी जमीन या मकान पर कब्जा हो चुका है, इस कानून के तहत वापस ले सकते हैं Property Occupied

By Prerna Gupta

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Property Occupied

Property Occupied – आजकल प्रॉपर्टी पर अवैध कब्जा होना एक आम समस्या बनती जा रही है। लोग अपनी जिंदगी की पूरी कमाई लगाकर कोई प्लॉट या मकान खरीदते हैं, लेकिन कई बार जब तक वे कुछ समझ पाएं, तब तक कोई और उस पर कब्जा कर लेता है। ऐसे में लोग अक्सर परेशान हो जाते हैं और समझ नहीं पाते कि क्या करें, क्योंकि ज्यादातर लोगों को कानूनी रास्तों की सही जानकारी नहीं होती। कई बार ये मामले सालों तक कोर्ट में चलते रहते हैं, जिससे लोगों को मानसिक और आर्थिक दोनों तरह से नुकसान होता है। इस लेख में हम आपको आसान भाषा में समझाएंगे कि अगर आपकी संपत्ति पर किसी ने अवैध कब्जा कर लिया है, तो आप क्या कर सकते हैं।

संपत्ति का मालिकाना हक और आपका अधिकार

भारत में हर व्यक्ति को अपनी खरीदी हुई संपत्ति पर पूरा हक होता है। चाहे वो जमीन हो या मकान, अगर आपने वैध तरीके से खरीदी है और आपके पास उसके कागजात हैं, तो उस पर किसी और का कोई अधिकार नहीं बनता। भारतीय संविधान और कानून आपके इस अधिकार की सुरक्षा करते हैं। अगर कोई आपकी अनुमति के बिना आपकी संपत्ति पर कब्जा करता है, तो आप कानूनी तौर पर उसका विरोध कर सकते हैं और अपनी संपत्ति को वापस ले सकते हैं।

पुलिस में शिकायत करना क्यों जरूरी है

अगर आपकी प्रॉपर्टी पर अवैध कब्जा हो गया है, तो सबसे पहले आपको पुलिस स्टेशन में इसकी शिकायत करनी चाहिए। हर नागरिक को एफआईआर दर्ज कराने का हक है। इस मामले में आप भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और अगर फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल हुआ है तो धारा 467 (जालसाजी) के तहत केस दर्ज कर सकते हैं। जितनी जल्दी आप शिकायत करेंगे, उतनी जल्दी पुलिस और प्रशासन आपके केस को गंभीरता से लेगा।

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शिकायत करते समय साथ रखें ये ज़रूरी दस्तावेज़

पुलिस में शिकायत करते समय आपके पास अपनी प्रॉपर्टी से जुड़े सारे दस्तावेज होने चाहिए, जैसे रजिस्ट्री, सेल डीड, प्रॉपर्टी टैक्स की रसीदें, बिजली-पानी के बिल, और अन्य सरकारी रिकॉर्ड। अगर आपके पास कब्जे से जुड़ा कोई फोटो या वीडियो प्रूफ है, तो वो भी बेहद मददगार हो सकता है। शिकायत में पूरी घटना का विवरण, तारीख, समय और कब्जा करने वाले लोगों के बारे में जो भी जानकारी है, वह जरूर शामिल करें।

जब पुलिस से मदद न मिले तो कोर्ट का रास्ता अपनाएं

अगर पुलिस आपकी मदद नहीं कर रही है या केस में कोई प्रगति नहीं हो रही, तो आप सिविल कोर्ट में केस कर सकते हैं। कोर्ट में आप “बेदखली का मुकदमा” (Suit for Eviction) दाखिल कर सकते हैं, जिसमें कोर्ट से गुज़ारिश की जाती है कि आपकी संपत्ति से अवैध कब्जाधारी को हटाया जाए। इस मुकदमे के लिए आपको अपने मालिकाना हक के सारे सबूत पेश करने होंगे और एक अच्छे वकील की मदद लेना बहुत फायदेमंद रहेगा।

स्पेशफिक रिलीफ एक्ट आपकी मदद कर सकता है

स्पेशफिक रिलीफ एक्ट, 1963 की धारा 6 के तहत अगर आपको आपकी संपत्ति से जबरदस्ती बाहर निकाला गया है या कब्जा छीन लिया गया है, तो आप छह महीने के अंदर मुकदमा कर सकते हैं और अपना कब्जा दोबारा पा सकते हैं। यह कानून खास तौर पर ऐसे मामलों के लिए बनाया गया है, ताकि लोग अपने हक के लिए जल्द न्याय पा सकें।

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कोर्ट से स्टे ऑर्डर लेना भी एक विकल्प है

अगर मामला कोर्ट में चला गया है और आपको डर है कि कब्जाधारी आपकी संपत्ति को बेच सकता है या वहां निर्माण कर सकता है, तो आप कोर्ट से स्टे ऑर्डर यानी अंतरिम आदेश की मांग कर सकते हैं। इससे कोर्ट ये आदेश दे सकता है कि मुकदमा खत्म होने तक प्रॉपर्टी की स्थिति जैसी है वैसी ही बनी रहे। इससे आपकी प्रॉपर्टी को और नुकसान से बचाया जा सकता है।

कैसे रोकें अवैध कब्जा होने से

अवैध कब्जे से बचने के लिए आपको कुछ एहतियात बरतनी होंगी। जैसे कि अपनी प्रॉपर्टी का समय-समय पर निरीक्षण करना, खासकर अगर आप वहां नहीं रहते हैं। सभी दस्तावेजों को सुरक्षित रखना और उनकी कॉपियां अलग जगह रखना भी जरूरी है। चारदीवारी या फेंसिंग करके अपनी जमीन की पहचान स्पष्ट करें। अगर आप लंबे समय के लिए बाहर जा रहे हैं, तो किसी भरोसेमंद व्यक्ति को देखरेख की जिम्मेदारी दें और स्थानीय पुलिस को भी जानकारी दें।

राज्य सरकारें भी उठा रही हैं कदम

कुछ राज्यों ने अवैध कब्जे को रोकने के लिए विशेष अदालतें और कानून बनाए हैं, जैसे भूमि विवाद निवारण अदालतें। इसके अलावा, जमीन के रिकॉर्ड को डिजिटलीज़ करना और ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा से भी काफी हद तक गलत कब्जे पर रोक लगी है। अपने राज्य के रेवेन्यू डिपार्टमेंट या तहसील कार्यालय से जानकारी लेकर आप इन सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं।

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फ्री कानूनी सलाह कहां से लें

अगर आप वकील की फीस नहीं दे सकते, तो जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण (DLSA) की मदद ले सकते हैं। ये संस्था ज़रूरतमंद लोगों को फ्री में वकील उपलब्ध कराती है। इसके अलावा, किसी अनुभवी प्रॉपर्टी वकील से सलाह लेकर आप अपने केस के हिसाब से सही कदम उठा सकते हैं।

Disclaimer

यह लेख केवल सामान्य जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी को किसी भी तरह की कानूनी सलाह न माना जाए। संपत्ति से जुड़े मामलों में किसी भी कदम से पहले किसी योग्य वकील या कानूनी सलाहकार से व्यक्तिगत सलाह लेना ज़रूरी है। कानून और प्रक्रिया राज्य के अनुसार अलग-अलग हो सकती हैं।

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