किरायेदार से मालिक बनने का रास्ता, नए नियम बने मकान मालिकों के लिए चेतावनी – Property Possession

By Prerna Gupta

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Property possession

Property Possession : भारत में संपत्ति किराए पर देना एक सामान्य प्रथा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यदि आपने अपने मकान को किराए पर दिया है और किरायेदार 12 साल तक बिना किसी रुकावट के उसमें रहता है, तो वह कानूनी रूप से उस संपत्ति का मालिक बन सकता है? यह स्थिति “प्रतिकूल कब्जा” (Adverse Possession) के तहत आती है, जो भारतीय कानून में एक महत्वपूर्ण अवधारणा है।

प्रतिकूल कब्जा क्या है?

प्रतिकूल कब्जा एक कानूनी सिद्धांत है, जिसके अनुसार यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य की संपत्ति पर बिना अनुमति के, लगातार और खुले तौर पर कब्जा करता है, तो वह निश्चित अवधि के बाद उस संपत्ति का मालिक बन सकता है। भारतीय सीमा अधिनियम, 1963 के अनुसार, निजी संपत्ति के लिए यह अवधि 12 वर्ष और सरकारी संपत्ति के लिए 30 वर्ष निर्धारित की गई है ।

किरायेदार कैसे बन सकता है मालिक?

यदि कोई किरायेदार बिना किसी रुकावट के 12 साल तक मकान में रहता है और मकान मालिक इस अवधि में कोई कानूनी कदम नहीं उठाता, तो वह किरायेदार कानूनी रूप से उस संपत्ति का मालिक बन सकता है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब किराया अनुबंध समाप्त हो चुका हो या मकान मालिक ने किरायेदार को संपत्ति से बाहर नहीं निकाला ।

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प्रतिकूल कब्जे के लिए आवश्यक शर्तें

प्रतिकूल कब्जे का दावा करने के लिए निम्नलिखित शर्तें पूरी करनी होती हैं:

  • निरंतर कब्जा: कब्जा बिना किसी रुकावट के होना चाहिए।
  • खुला और स्पष्ट कब्जा: कब्जा ऐसा होना चाहिए कि मालिक को इसकी जानकारी हो।
  • विरोधी कब्जा: कब्जा मालिक की अनुमति के बिना और उसके अधिकारों के खिलाफ होना चाहिए।
  • शांतिपूर्ण कब्जा: कब्जा बिना किसी बल या दबाव के होना चाहिए ।

मकान मालिकों के लिए सावधानियां

यदि आप मकान मालिक हैं, तो निम्नलिखित सावधानियां बरतें:

  • लिखित किराया अनुबंध: हमेशा लिखित अनुबंध बनाएं और समय-समय पर नवीनीकरण करें।
  • नियमित निरीक्षण: अपनी संपत्ति का नियमित निरीक्षण करें और किरायेदार से संपर्क बनाए रखें।
  • कानूनी कदम: यदि किरायेदार अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन करता है या किराया नहीं देता, तो तुरंत कानूनी कदम उठाएं।

प्रतिकूल कब्जा एक महत्वपूर्ण कानूनी अवधारणा है, जो मकान मालिकों के लिए जोखिम पैदा कर सकती है। इसलिए, मकान मालिकों को अपनी संपत्ति के अधिकारों की रक्षा के लिए सतर्क रहना चाहिए और आवश्यक कदम उठाने चाहिए। यदि आप भी इस विषय में अधिक जानकारी चाहते हैं, तो संबंधित कानूनी विशेषज्ञ से संपर्क करें।

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