लगातार 3 बार होम लोन की EMI Bounce हो जाए तो बैंक करेगा ये बड़ी कार्रवाही Home Loan EMI Rule

By Prerna Gupta

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Home Loan EMI Rule

Home Loan EMI Rule – हर किसी का सपना होता है कि उसका खुद का एक घर हो, और इसी सपने को पूरा करने के लिए लोग होम लोन लेते हैं। आज के समय में प्रॉपर्टी के दाम इतने बढ़ गए हैं कि बिना लोन के घर खरीदना आम लोगों के लिए मुश्किल हो गया है। ऐसे में होम लोन एक बेहतर विकल्प बनकर सामने आता है। लेकिन जैसा कि होम लोन लेना आसान है, वैसे ही उसे समय पर चुकाना भी बहुत जरूरी होता है। अगर आप समय पर ईएमआई नहीं भरते हैं, तो इससे न सिर्फ आपकी क्रेडिट हिस्ट्री पर असर पड़ता है, बल्कि कानूनी झंझटों में भी फंस सकते हैं।

तीन बार लगातार ईएमआई न भरने पर बैंक क्या करता है?

अगर किसी वजह से आपकी एक किस्त छूट जाती है, तो बैंक इसे बहुत गंभीरता से नहीं लेता। बैंक को लगता है कि किसी वजह से थोड़ी देर हो गई होगी। लेकिन जब आप लगातार दूसरी किस्त नहीं भरते हैं, तो बैंक आपको रिमाइंडर भेजता है, जिसमें किस्त का भुगतान करने की अपील की जाती है। यदि आप इसके बाद भी तीसरी ईएमआई नहीं भरते हैं, तो मामला गंभीर हो जाता है। बैंक इस स्थिति में आपको एक कानूनी नोटिस भेजता है और अगर इसके बावजूद भी आपने लोन नहीं चुकाया तो आपको डिफॉल्टर घोषित कर दिया जाता है। इसके साथ ही आपका अकाउंट NPA (Non Performing Asset) के दायरे में आ जाता है।

RBI के नियम क्या कहते हैं?

होम लोन एक सिक्योर्ड लोन होता है, यानी इसके बदले में आपने जो प्रॉपर्टी ली है, वह बैंक के पास गिरवी रखी जाती है। RBI की गाइडलाइंस के मुताबिक, बैंक सीधे आपकी प्रॉपर्टी को नीलाम नहीं करता। पहले आपको लोन चुकाने के लिए समय दिया जाता है। अगर तीन किस्तें बाउंस हो जाती हैं, तो भी बैंक आपको लगभग दो महीने का और समय देता है ताकि आप बकाया चुकता कर सकें। अगर आपने इस समय में भी लोन नहीं चुकाया, तो बैंक आपकी संपत्ति की वैल्यू का आंकलन करके आपको नीलामी नोटिस भेजता है। फिर एक महीने के भीतर अगर आप ईएमआई नहीं चुकाते हैं, तो बैंक प्रॉपर्टी की नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर देता है।

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कैसे बच सकते हैं इस स्थिति से?

अगर आप आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं और ईएमआई नहीं भर पा रहे हैं, तो सबसे अच्छा तरीका है कि आप तुरंत अपने बैंक से संपर्क करें। बैंक को अपनी स्थिति बताएं और लोन के पुनर्गठन की बात करें। बैंक कुछ महीने की राहत दे सकता है या आपकी ईएमआई की राशि को कम कर सकता है। हालांकि, इससे लोन की अवधि बढ़ सकती है, लेकिन आप डिफॉल्टर होने से बच सकते हैं और आपका क्रेडिट स्कोर भी खराब नहीं होगा।

समस्या का सीधा और सरल हल

इस पूरी झंझट से बचने का सबसे आसान तरीका यही है कि अपनी ईएमआई समय पर चुकाएं। अगर पैसों की तंगी है तो एफडी तोड़ दें या किसी और निवेश को निकाल लें। आप चाहें तो किसी भरोसेमंद से उधार लेकर भी ईएमआई चुका सकते हैं। ध्यान रखें कि एक बार भी डिफॉल्ट करने पर आपकी क्रेडिट प्रोफाइल पर असर पड़ सकता है, जिससे भविष्य में लोन लेना मुश्किल हो जाएगा।

अगर रिकवरी एजेंट परेशान करे तो क्या करें?

जब कोई लोन नहीं चुका पाता है, तो बैंक या अन्य वित्तीय संस्थाएं रिकवरी एजेंट भेजती हैं। ये एजेंट कई बार ग्राहकों को डराने या धमकाने की कोशिश करते हैं, लेकिन यह कानूनी रूप से गलत है। अगर कोई रिकवरी एजेंट आपको मानसिक रूप से परेशान करता है या अभद्र व्यवहार करता है, तो तुरंत पुलिस में शिकायत करें। साथ ही आप RBI को भी इसकी जानकारी दे सकते हैं। लोन का मामला सिविल डिस्प्यूट होता है, इसमें जबरदस्ती नहीं की जा सकती।

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Disclaimer

यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दिए गए सुझाव किसी कानूनी या वित्तीय सलाह की तरह न लें। लोन से जुड़ी किसी भी समस्या के लिए हमेशा अपने बैंक या वित्तीय सलाहकार से संपर्क करें। RBI और संबंधित बैंक समय-समय पर नियमों में बदलाव कर सकते हैं।

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