CIBIL Score Rule – अगर आपने कभी लोन के लिए अप्लाई किया है या करना चाहते हैं, तो सिबिल स्कोर नाम जरूर सुना होगा। अब RBI ने इसको लेकर कुछ बेहद काम के नए नियम लागू किए हैं, जिनसे आम लोगों को काफी राहत मिलेगी। चलिए, आसान भाषा में समझते हैं कि क्या-क्या बदला है और आपके लिए इसका क्या फायदा होगा।
अब सिबिल स्कोर चेक होने की मिलेगी जानकारी
पहले जब बैंक या कोई फाइनेंशियल कंपनी आपका सिबिल स्कोर चेक करती थी, तो आपको पता भी नहीं चलता था। लेकिन अब नियम बदल गए हैं। RBI ने कहा है कि अब अगर कोई बैंक या NBFC आपका क्रेडिट स्कोर देखेगा, तो आपको SMS या ईमेल से इसकी जानकारी देना जरूरी होगा। इससे ट्रांसपेरेंसी भी बढ़ेगी और आप भी समझ पाएंगे कि आपकी फाइनेंशियल प्रोफाइल पर कौन नजर रख रहा है।
लोन रिजेक्ट? तो वजह बताना पड़ेगा!
कभी लोन के लिए अप्लाई किया और बिना वजह रिजेक्ट कर दिया गया? अब ऐसा नहीं होगा। नए नियमों के मुताबिक, अगर आपका लोन रिजेक्ट होता है तो बैंक या फाइनेंशियल कंपनी को आपको साफ-साफ बताना होगा कि क्यों किया। इससे आप अपनी गलतियां सुधार पाएंगे और अगली बार लोन मिलने की संभावना बढ़ेगी।
हर साल एक फ्री क्रेडिट रिपोर्ट
अब हर ग्राहक को साल में एक बार अपनी फ्री क्रेडिट रिपोर्ट देखने का अधिकार मिलेगा। बैंक और क्रेडिट ब्यूरो को अपनी वेबसाइट पर एक लिंक देना होगा जिससे ग्राहक खुद जाकर अपनी रिपोर्ट देख सके। अगर उसमें कोई गलती है तो आप तुरंत सुधार के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
डिफॉल्टर बनाने से पहले दी जाएगी जानकारी
अब कोई बैंक आपको बिना बताएं डिफॉल्टर घोषित नहीं कर सकता। इससे पहले बैंक को आपको जानकारी देनी होगी ताकि आप बकाया चुकाने का मौका पा सकें। इससे आपको एक आखिरी मौका मिलेगा अपनी साख बचाने का।
शिकायतों का जल्दी होगा समाधान
अब अगर आपने कोई शिकायत की है सिबिल स्कोर को लेकर, तो बैंक को 21 दिन और क्रेडिट ब्यूरो को 9 दिन में उसका समाधान करना होगा। अगर वे ऐसा नहीं करते तो हर दिन ₹100 का जुर्माना लगेगा। इससे सिस्टम में जवाबदेही आएगी और आपकी शिकायतें समय पर सुलझेंगी।
नोडल ऑफिसर होंगे आपकी मदद के लिए
हर बैंक और फाइनेंशियल संस्था को अब एक खास नोडल ऑफिसर रखना होगा जो सिर्फ सिबिल स्कोर से जुड़ी शिकायतों को देखेगा। अब आपको एक डिपार्टमेंट से दूसरे डिपार्टमेंट के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
जागरूकता बढ़ाने के लिए कैंपेन
RBI ने बैंकों से ये भी कहा है कि वो ग्राहकों को सिबिल स्कोर की अहमियत समझाएं। उन्हें बताएं कि अच्छा स्कोर कैसे बनाए रखें, और किस तरह की आदतें क्रेडिट स्कोर पर असर डालती हैं। इससे लोगों की फाइनेंशियल समझ बेहतर होगी।
कुल मिलाकर फायदा ही फायदा
इन नए नियमों से ग्राहकों को पारदर्शिता, जवाबदेही और बेहतर सर्विस का भरोसा मिलेगा। लोन लेना आसान होगा, और सिबिल स्कोर से जुड़ी परेशानियां कम होंगी। RBI का ये कदम न सिर्फ फाइनेंशियल सिस्टम को मजबूत बनाएगा, बल्कि लोगों का भरोसा भी बढ़ाएगा।
Disclaimer:
यह लेख केवल जानकारी के लिए है। RBI समय-समय पर नियमों में बदलाव करता है, इसलिए लेटेस्ट अपडेट के लिए RBI की वेबसाइट या अपने बैंक से संपर्क करें। किसी भी फाइनेंशियल निर्णय से पहले योग्य सलाहकार से सलाह लेना जरूरी है।