CIBIL Score Update – आजकल जब भी हम लोन लेने जाते हैं या क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करते हैं, सबसे पहले बैंक या फाइनेंस कंपनी हमारे सिबिल स्कोर को देखती है। ये स्कोर हमारी फाइनेंशियल हेल्थ का आईना होता है। अगर आपका सिबिल स्कोर अच्छा है, तो लोन आसानी से और कम ब्याज दर पर मिल जाता है। लेकिन अगर स्कोर खराब है तो लोन पाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। तो सवाल ये उठता है कि क्या खराब सिबिल स्कोर को 30 दिनों में सुधारा जा सकता है?
दरअसल, सिबिल स्कोर एक दिन में या हफ्ते भर में नहीं सुधरता। इसे सुधारने में आमतौर पर एक से दो साल का वक्त लगता है। मगर अगर आप सही तरीके से और समय पर अपने बिल चुकाने लगें, क्रेडिट कार्ड का सीमित उपयोग करें और अपने क्रेडिट हिस्ट्री को सुधारने के लिए रणनीति अपनाएं, तो 30 दिनों के अंदर कुछ सुधार जरूर देख सकते हैं। मगर ध्यान रखें ये सुधार स्थायी तभी होगा जब आप इसे कंटिन्यू करेंगे।
क्रेडिट हिस्ट्री का निर्माण करना ज़रूरी है
अगर आपकी क्रेडिट हिस्ट्री कमजोर है या बिल्कुल नहीं है, तो सबसे पहले आपको इसे बनाना होगा। इसके लिए आप एक क्रेडिट कार्ड ले सकते हैं और उसका इस्तेमाल छोटे-छोटे खर्चों के लिए करें। ध्यान रखें कि बिल का भुगतान समय से और पूरा करें। इससे बैंक को पता चलता है कि आप भरोसेमंद ग्राहक हैं और आपकी क्रेडिट हिस्ट्री मजबूत होगी। इससे आपके सिबिल स्कोर में धीरे-धीरे सुधार आता है।
सभी बिलों का समय पर भुगतान करें
सिबिल स्कोर को सुधारने का सबसे आसान और असरदार तरीका है सभी बिलों का वक्त पर भुगतान करना। चाहे वो क्रेडिट कार्ड का बिल हो, लोन की ईएमआई हो, मोबाइल या बिजली का बिल हो, सबका पेमेंट समय पर करें। अगर आप बिल चुकाने में देरी करते हैं तो ये आपके स्कोर को बुरी तरह प्रभावित करता है। इसलिए एक अच्छी आदत डाल लें कि बिल आते ही उसका पेमेंट कर दें, आखिरी तारीख तक इंतजार न करें। इससे आपका सिबिल स्कोर जल्दी सुधरेगा।
क्रेडिट कार्ड का लिमिट का सही इस्तेमाल करें
एक और जरूरी बात है क्रेडिट कार्ड की लिमिट का सही इस्तेमाल करना। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि आपको अपनी क्रेडिट लिमिट का 30% से ज्यादा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। अगर आपके कार्ड की लिमिट 1 लाख रुपये है, तो आप 30,000 रुपये से ज्यादा खर्च न करें। ज्यादा लिमिट का उपयोग करने से आपका सिबिल स्कोर नकारात्मक होता है। इसलिए लिमिट के अनुसार ही खर्च करें और बिल पूरा समय पर चुकाएं।
क्रेडिट लिमिट बढ़वाना भी फायदेमंद होता है
अगर आप समय से बिल का भुगतान करते आ रहे हैं और क्रेडिट कार्ड का समझदारी से इस्तेमाल कर रहे हैं, तो आप बैंक से अपनी क्रेडिट लिमिट बढ़वाने की रिक्वेस्ट कर सकते हैं। जब आपकी लिमिट बढ़ेगी तो क्रेडिट उपयोग अनुपात कम हो जाएगा, जिससे आपका सिबिल स्कोर बेहतर होगा। उदाहरण के तौर पर, अगर आपकी लिमिट 1 लाख है और आप 30,000 का खर्च करते हैं तो अनुपात 30% होगा। अगर लिमिट बढ़कर 2 लाख हो जाती है तो वही खर्च 15% होगा, जो स्कोर के लिए अच्छा है।
कैश बैक्ड क्रेडिट कार्ड से शुरुआत करें
अगर आपका सिबिल स्कोर बहुत खराब है या क्रेडिट हिस्ट्री नहीं है, तो आप कैश बैक्ड क्रेडिट कार्ड ले सकते हैं। इसमें आपको बैंक को कुछ रकम जमा करनी होती है, जो आपकी क्रेडिट लिमिट के बराबर होती है। चूंकि ये कार्ड बैंक के लिए कम रिस्क होता है, इसलिए इसे आसानी से जारी कर दिया जाता है। इस कार्ड का सही तरीके से इस्तेमाल करें और समय पर बिल चुकाएं, इससे आपकी क्रेडिट हिस्ट्री बनेगी और स्कोर सुधरेगा।
बार-बार लोन के लिए आवेदन करने से बचें
जब भी आप लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते हैं, बैंक आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में ‘हार्ड इंक्वायरी’ करते हैं, जो आपके स्कोर को प्रभावित कर सकती है। इसलिए ज्यादा बार नए लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करने से बचें। इसके बजाय, अपने मौजूदा लोन और कार्ड की ईएमआई समय पर चुकाने पर फोकस करें। इससे आपके सिबिल स्कोर में सुधार होगा।
रोजाना या नियमित रूप से सिबिल स्कोर चेक करते रहें
अपने सिबिल स्कोर की रेगुलर जांच करना भी बहुत जरूरी है। इससे आप पता कर सकते हैं कि आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में कोई गलती तो नहीं है, जो आपके स्कोर को खराब कर रही हो। साथ ही आप अपने सुधार के प्रयासों की प्रगति को भी देख पाएंगे। आप CIBIL, इक्वीफैक्स, एक्सपीरियन जैसी वेबसाइट्स से अपना स्कोर आसानी से चेक कर सकते हैं।
खराब सिबिल स्कोर को 30 दिन में पूरी तरह ठीक करना मुश्किल है, लेकिन कुछ अच्छी आदतें अपनाकर आप इस दौरान अपने स्कोर में सुधार जरूर ला सकते हैं। समय पर बिल भुगतान, क्रेडिट लिमिट का सही इस्तेमाल, क्रेडिट हिस्ट्री बनाना और लोन के लिए बार-बार आवेदन न करना आपकी सबसे बड़ी मदद करेगा। सिबिल स्कोर सुधार एक लंबी प्रक्रिया है, इसलिए धैर्य और अनुशासन से काम लें।
Disclaimer
यह जानकारी सामान्य ज्ञान के लिए दी गई है। सिबिल स्कोर और क्रेडिट मैनेजमेंट से जुड़ी नीतियां समय-समय पर बदलती रहती हैं। इसलिए किसी भी वित्तीय निर्णय से पहले अपने वित्तीय सलाहकार या बैंक से परामर्श जरूर करें। लेखक या प्रकाशक इस जानकारी के आधार पर हुए किसी भी नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।