PM Vishwakarma Yojana – अगर आप एक पारंपरिक कारीगर या शिल्पकार हैं और अपने हुनर से अपना व्यवसाय शुरू करने या उसे आगे बढ़ाने की सोच रहे हैं, तो आपके लिए प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana) बहुत फायदेमंद साबित हो सकती है। यह योजना भारत सरकार ने खासतौर पर देश के पारंपरिक कामगारों के लिए शुरू की है, ताकि उन्हें आर्थिक और तकनीकी सहायता दी जा सके। इस योजना को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) द्वारा चलाया जा रहा है, और इसका मकसद है पारंपरिक हुनर को प्रोत्साहन देकर लोगों को आत्मनिर्भर बनाना।
क्या-क्या मिलेंगे फायदे इस योजना से?
इस योजना के तहत पारंपरिक कारीगरों को कई तरह के फायदे दिए जा रहे हैं। सबसे पहले तो उन्हें पूरी तरह से मुफ्त प्रशिक्षण दिया जाता है। बुनियादी प्रशिक्षण 5 से 7 दिनों का होता है और उन्नत प्रशिक्षण करीब 15 दिन का। इस दौरान कारीगरों को 500 रुपये प्रतिदिन का वजीफा भी दिया जाता है, जिससे उन्हें किसी तरह की आर्थिक परेशानी न हो। साथ ही सरकार द्वारा 15,000 रुपये का ई-वाउचर भी मिलता है, जिससे वे अपने पारंपरिक औजारों को अपग्रेड कर सकते हैं और अपने काम को ज्यादा कुशलता से कर सकते हैं।
मिलती है सस्ती ब्याज दर पर लोन की सुविधा
पीएम विश्वकर्मा योजना की सबसे खास बात यह है कि इसके तहत कारीगरों को उनके व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए 3 लाख रुपये तक का लोन दिया जाता है, वो भी बहुत ही कम ब्याज दर पर। इस पैसे से वे अपने काम के लिए जरूरी सामग्री खरीद सकते हैं या फिर अपना खुद का छोटा-मोटा सेटअप तैयार कर सकते हैं। इसके अलावा, सरकार डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए अलग से प्रोत्साहन भी देती है, जिससे कारीगर आज के डिजिटल जमाने के साथ कदम से कदम मिला सकें और अपने ग्राहकों तक सीधे पहुंच बना सकें।
कौन-कौन कर सकता है इस योजना के लिए आवेदन?
अगर आप भी इस योजना का फायदा लेना चाहते हैं तो कुछ जरूरी शर्तें हैं जिन्हें पूरा करना जरूरी है। सबसे पहले, आवेदक एक पारंपरिक कारीगर होना चाहिए, जो असंगठित क्षेत्र में काम करता हो। वह योजना में शामिल 18 व्यवसायों में से किसी एक से जुड़ा होना चाहिए जैसे कि बढ़ई, लोहार, कुम्हार, सुनार, दर्जी आदि। आवेदक की उम्र कम से कम 18 साल होनी चाहिए और वह पहले किसी ऐसी सरकारी योजना का लाभ न ले चुका हो जिसमें इसी तरह की आर्थिक सहायता दी जाती हो।
किन दस्तावेजों की होगी जरूरत रजिस्ट्रेशन के लिए?
रजिस्ट्रेशन करते समय कुछ जरूरी दस्तावेजों की जरूरत होती है, जैसे कि आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक पासबुक की कॉपी, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, पासपोर्ट साइज फोटो, आय प्रमाण पत्र और जाति प्रमाण पत्र। इसके अलावा यह भी जरूरी है कि आपके पास आपके काम से जुड़े कुछ दस्तावेज या प्रमाण हों, जो यह साबित कर सकें कि आप वाकई एक पारंपरिक कारीगर हैं। साथ ही, आपका बैंक खाता डीबीटी (Direct Benefit Transfer) से जुड़ा होना चाहिए ताकि आपको मिलने वाली राशि सीधे आपके खाते में ट्रांसफर हो सके।
कैसे करें ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन?
इस योजना में रजिस्ट्रेशन करना काफी आसान है। सबसे पहले आपको इसकी आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। वहां रजिस्ट्रेशन लिंक पर क्लिक करके अपना मोबाइल नंबर और आधार कार्ड नंबर डालना होगा। आधार से OTP के जरिए वेरिफिकेशन के बाद आपको एक फॉर्म भरना होगा जिसमें आपकी पर्सनल जानकारी, काम का विवरण, बैंक अकाउंट, एजुकेशन और अन्य डिटेल्स भरनी होंगी। सभी जरूरी डॉक्यूमेंट्स स्कैन करके अपलोड करने के बाद फॉर्म को सबमिट करें। सबमिट करने के बाद आपको एक आवेदन संख्या मिलेगी जिसे संभाल कर रखें, क्योंकि भविष्य में किसी भी जानकारी के लिए यही नंबर काम आएगा।
योजना का समाज पर असर
पीएम विश्वकर्मा योजना सिर्फ एक सरकारी सहायता योजना नहीं, बल्कि यह देश के पारंपरिक हुनर और सांस्कृतिक विरासत को संजोने की एक कोशिश भी है। इससे जहां एक ओर कारीगरों की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी, वहीं दूसरी ओर गांव-देहात में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। यह योजना कारीगरों को आधुनिक बाजार से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बना रही है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रही है। इससे हमारे देश की पारंपरिक कारीगरी को एक नई पहचान मिलेगी और आने वाली पीढ़ियां भी इस काम को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित होंगी।
Disclaimer
यह लेख केवल जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। योजना से संबंधित नियमों, पात्रता और प्रक्रिया में समय-समय पर बदलाव हो सकते हैं। अतः आवेदन करने से पहले योजना की आधिकारिक वेबसाइट या संबंधित सरकारी स्रोत से ताजा जानकारी अवश्य प्राप्त करें।
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